अजंता – एक लम्बी कविता, अनु. निशिकांत ठाकूर : ना. धो. महानोर

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Non-Fiction

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Ajanta (अजंता – एक लम्बी कविता, अनु. निशिकांत ठाकूर) – N. D. Mahanor (ना. धो. महानोर, Tr. Nishikant Thakur)

अजंता अंचल के निवासी प्रयोगशील कृषक कवि श्री. ना. धों. महानोर ने समकालीन मराठी कविता में अपनी ग्रामा?? के सुखदख और शृंगार करुणा की गंधवती अभिव्यक्ति के कारण अपना एक विशिष्ट स्थान प्राप्त किया है। परिसर में जनश्रुति बनी मेजर रॉबर्ट गिल और आदिवासी लड़की पारो की प्रेमकहानी को कवि की कल्पनाशील दृष्टि ने अपने सामने साकार होते हुए देखा और उसे अपनी आत्मीयता की धारा में प्रवाहित कर एक गतिशील लंबी कविता का अनोखा रूप दे दिया। देशी और उपनिवेशी सीमाओं को लांघनेवाली इस प्रेमकहानी की गीतिकाव्यात्म संवेदना की भावगाथा अजंता के गुफाचित्रों में और एक गुफा का जैसे इजाफा करती है।

हिंदी, मराठी के सफल अनुवादक, समीक्षक श्री. निशिकांत ठकार द्वारा इस लंबी कविता का अनुवाद उतना ही सृजनशील और महत्त्वपूर्ण बना हुआ है।

चंद्रकांत पाटील

ISBN: 978-81-7185-566-7

Number of pages: 84

Language: Hindi

Cover: Paperback

Year of Publication: 2012

 

Weight 0.90 kg
Dimensions 5.5 × 5.5 cm