Niyatidaan (नियतिदान) – G. A. Kulkarni (जी. ए. कुलकर्णी)
मित्र-मंडल को इस बात का अहम एहसास था कि हिंदी भाषिक जी.ए. के कहानी साहित्य से परिचित न होने के कारण जी. ए. राष्ट्रीय सम्मान से वंचित रहे। अतः उनकी चुनी हुई कहानियों का हिंदी में अनूदित संकलन प्रकाशित कर उनकी विलक्षण प्रतिभा एवं कहानी सामर्थ्य से हिंदी भाषियों एवं साहित्यिक विमर्षकों को परिचित कराने के हेतु जी.ए. के महानिर्वाण के उपरान्त एक विशेष निधि इकठ्ठा किया गया। प्रस्तुत निधि के लिए मराठी के मान्यवर कलाकारों, साहित्यकारों एवं रसिकों का योगदान प्रशंसनीय रहा है।
यद्यपि प्रस्तुत संकलन के प्रकाशन में कुछ बाधाएँ अवश्य आयी फिर भी आज यह अपनी गरिमा में प्रकाशित हो रहा है। निकट भविष्य में मराठी के अन्य श्रेष्ठ कहानीकारों के अनूदित हिंदी संकलन प्रकाशित करने की योजना मराठी के विख्यात प्रकाशक पॉप्युलर प्रकाशन की दिल्ली शाखा ने सम्मत की है।
प्रस्तुत संकलन हिंदी भाषा के सम्माननीय साहित्यकारों, समीक्षकों एवं पाठकों में अभिप्रायार्थ सस्नेह वितरित करने की कल्पना है।
उम्मीद है, हिंदी भाषा के रसिक पाठक मराठी के इन कथाकारों का उत्साहपूर्ण स्वागत करेंगे।
जी. ए. मित्र-मंडल
ISBN: 81-7156-460-7
Number of pages: 322
Language: Hindi
Cover: Paperback with flap
Year of Publication: 1992